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पांच सौ मीटर एपर्चर गोलाकार टेलीस्कोप (फास्ट) का चीन में निर्माण

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Image result for telescope chinaपांच सौ मीटर एपर्चर गोलाकार टेलीस्कोप (फास्ट) का दक्षिण पश्चिम चीन के गुईझोउ प्रांत में निर्माण किया जा रहा है. यह दुनिया का सबसे बड़े रेडियो टेलीस्कोप है, जिसका इसका डिश 30 फुटबॉल मैदानों के बराबर है.
तकनीशियनों ने 23 जुलाई 2015 से दुनिया की सबसे बड़ी रेडियो टेलीस्कोप का असेंबलिंग शुरू किया. पांच सौ मीटर एपर्चर गोलाकार टेलीस्कोप (फास्ट) एक एरेसीबो (Aricibo) प्रकार का टेलीस्कोप है.
यह राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग (एनडीआरसी) द्वारा वित्त पोषित है और चीनी विज्ञान नेशनल एस्ट्रोनोमीकल ऑब्सर्वेटरीज ऑफ चाइनीज अकादमी ऑफ साइंस द्वारा प्रंबधित किया जाता है.
फास्ट टेलीस्कोप गुइजू की पहाड़ियों में बनाया जा रहा है. इस विशाल डिश आकार के टेलीस्कोप को एक कटोरे के आकार वाली घाटी में लगाया गया है, जो गिझोऊ के दक्षिण भाग में स्थित है. यहां पर 500 मीटर की दूरी पर तीन पहाड़ियां हैं. जिनसे एक घाटी का आकार बनता है, जो टेलीस्कोप को संभालने के लिए उपयुक्त है. इसके आसपास 5 किलोमीटर के दायरे में कोई भी शहर नहीं बसा है जिससे इसके आसपास का इलाका रेडियो साइलेंस है.
यह विशाल डिश हजारों स्टील के पिलर्स और केविल्स के आधार पर टिकी हुई है. यह अरबों प्रकाश वर्ष की दूरी से रेडियो सिग्नल पकड़ने में सक्षम होगा.
वर्तनाम में प्यूर्टो रिको की एरेसिबो वेधशाला में स्थित टेलीस्कोप दुनिया का सबसे बड़ा टेलीस्कोप है, जिसका व्यास 300 मीटर है. फास्ट टेलीस्कोप का निर्माण मार्च 2011 में शुरू किया गया था. इस परियोजना के सितंबर 2016 तक पूरा होने की उम्मीद है.
पांच सौ मीटर एपर्चर गोलाकार टेलीस्कोप (फास्ट) के बारे में
  • फास्ट टेलीस्कोप का व्यास 500 मीटर है. यह 4450 पैनल्स से मिलकर बना है. इसका हर पैनल समभुज त्रिभुजाकार है. जिसकी प्रत्येक भुजा 11 मीटर है.
  • बाहरी अंतरिक्ष के निरीक्षण की क्षमता को बढ़ाने के लिए फास्ट टेलीस्कोप का आकार बड़ा रखा गया है. 'रेडियो टेलीस्कोप एक संवेदनशील कान की तरह होता है. यह ब्रह्मांड के व्हाइट न्वाइस (शोर) से मतलब के जरूरी रेडियो सिग्नल्स को सुनकर बताता है.
  • यह एक संवेदनशील टेलीस्कोप है जिसके माध्यम से ज्यादा दूरी के सिग्नल्स को रिसीव कर सकेंगे.
पृष्ठभूमि
इस रेडियो दूरबीन के निर्माण का विचार सबसे पहले वर्ष 1993 में प्रस्तावित किया गया था. हालांकि, इस परियोजना राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग से 2007 में मंजूरी मिल गई और राष्ट्रीय उच्च तकनीक उद्योग विकास प्रोजेक्ट योजना में सिद्धांत रूप में स्वीकार कर लिया गया.
इस मंजूरी के बाद, फास्ट परियोजना ने व्यवहार्यता अध्ययन के चरण में प्रवेश किया. वर्ष 2008 में फास्ट व्यवहार्यता अध्ययन रिपोर्ट को राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग ने मंजूरी दी और इस परियोजना ने प्रारंभिक डिजाइन के चरण में प्रवेश किया.

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